Saturday, 23 September 2017

infertility यानि के बाँझपन और कोई नहीं चाहता है कि उसके बच्चे नहीं हो हालाँकि यह मुद्दा जितना स्वास्थ्य से जुड़ा है उस से भी कंही अधिक जुड़ा है हमारे सामाजिक ताने बाने से क्योंकि जन्हा कई लोग या महिलाएं अपने करियर को लेकर देरी से माँ बनने को prefer करती है जबकि late pregnancy के अपने खतरे है | वन्ही सामाजिक ताने बाने को लेकर यह डर के साथ यह धारणा होती है कि बच्चे नहीं हुए तो ‘लोग क्या कहेंगे’ या फिर अगर बच्चे नहीं हुए तो ‘वारिस कौन होगा ‘ | जब यह सवाल केवल निचले दर्जे की सोच से ही पनपते है आप बच्चा गोद ले सकते है और दूसरे और विकल्प भी है जिन पर बात की जाये तो बहस लम्बी होती जाती है तो चलिए बात करते है infertility treatment in hindi विषय पर जिस पर चर्चा जरुरी है –

infertility से चूँकि कोई जान को बड़ा खतरा नहीं है इसलिए इसे उस नजरिये से नहीं देखा जाता है जैसे किसी बीमारी को देखा जाता है जबकि यह और बात है कि बीते जमाने में जब जागरूकता नहीं थी बच्चे नहीं होने का दोष केवल महिलाओं के सिर पर मढ़ दिया जाता था | खैर शुक्र है अब पहले जैसा नहीं है क्योंकि लोग जानते है infertility में महिला और पुरुष के साथ समस्या दोनों तरफ से ‘50-50’ प्रतिशत हो सकती है | लेकिन फिर भी है तो यह एक समस्या ही |
कैसे निर्धारण होता है infertility का – medical world के अनुसार ‘ अगर कोई कपल बिना किसी गर्भनिरोधक के दो साल या इस से भी अधिक समस्या तक शारीरिक सम्बन्ध बना रहा है और उसके बाद भी pregnancy नहीं होती है तो इसमें से महिला या पुरुष दोनों में से किसी एक के साथ infertility की समस्या हो सकती है |

reasons and treatment of infertility  – बाँझपन की समस्या के दो तरह के reason हो सकते है एक तो हमारा lifestyle जिस पर मैं हमेशा बात करता हूँ कि यह सही नहीं है क्योंकि हम health से अधिक अपने काम और करियर को अधिक तवज्जो देते है और दूसरा यह किसी शारीरिक खामी की वजह से भी हो सकता है | असल में शहरो में ऐसा होता ही कि काम के बोझ के तले जिदंगी दब जाती है जिसकी वजह stress और बुरी आदतें जैसे शराब , सिगरेट और नशे की वजह से हमारी health पर बुरा असर होता है और स्त्रियों में गर्भनिरोधकों और गर्भपात की बढती संख्या की वजह से प्रजनन क्षमता पर भी बुरा असर पड़ता है | साथ ही late pregnancy के concept की वजह से भी बच्चे के पैदा होने की सम्भावना समय के साथ न्यून होती जाती है और मेनोपोज के करीब जाते जाते महिलाओं में अंडे पैदा करने की क्षमता कम होती चली जाती है जिस से गर्भधारण की क्षमता भी कम होती जाती है जिसकी वजह से infertility की समस्या पैदा हो जाती है | 

अगर आप गर्भधारण या संतान उत्पति में समस्या देखते है तो आप एक अच्छे डॉक्टर को consult कर सकते है और आजकल बहुत सारे medical इलाज संभव है जिन्हें अपनाकर समस्या से मुक्ति पायी जा सकती है और फिर आप एक बच्चा गोद भी तो ले सकते है क्योंकि यह भी एक अच्छा विकल्प है क्योंकि इस से अच्छा तो कुछ हो ही नहीं सकता | infertility की समस्या आपके जीवन में नहीं आये इस से बचने के लिए आप अपने खानपान पर विशेष ध्यान दे सकते है और अपनी दिनचर्या को भी सम्भाल सकते है उसमे सुधार कर सकते है | ग्रामीण क्षेत्रो में प्रसव के समय अनुभवी डॉक्टर की अपेक्षा दाई पर अधिक भरोसा किया जाता है जबकि उन्हें आधुनिक medical समस्याओं के बारे में जानकारी नहीं होती जिसकी वजह से second pregnancy के लिए भी समस्या खड़ी होने के chances बढ़ जाते है इसलिए जरुरी है कि pregnancy के समय आप किसी अनुभवी महिला डॉक्टर से ही मदद लें |


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