डायबिटीज जिसे मधुमेह भी कहा जाता है एक गंभीर बीमारी है जिसे धीमी मौत (साइलेंट किलर ) भी कहा जाता है।
संसार भर में मधुमेह रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है विशेष रूप से भारत में। इस बीमारी में रक्त में ग्लूकोज का स्तर सामान्य से अधिक बढ़ जाता है तथा रक्त की कोशिकाएं इस शर्करा को उपयोग नहीं कर पाती। यदि यह ग्लूकोज का बढ़ा हुआ लेवल खून में लगातार बना रहे तो शरीर के अंग प्रत्यंगों को नुकसान पहुँचाना शुरू कर देता है।
डायबिटीज के कारण (Causes of Diabetes )-
3. तनाव (Tension, Anxiety Stress) से बचें –
4. घरेलु उपाय ( Home Remedies for Diabetes in Hindi )–
आयुर्वेद की कुछ जड़ी बूटियां मधुमेह रोग में बहुत उपयोगी हैं इनका सेवन डायबिटीज में बहुत लम्बे समय से किया जा रहा है आधुनिक चिकित्सा विज्ञान भी डायबिटीज में इनकी उपयोगिता सिद्ध कर चुका है।
5. औषधियां-
संसार भर में मधुमेह रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है विशेष रूप से भारत में। इस बीमारी में रक्त में ग्लूकोज का स्तर सामान्य से अधिक बढ़ जाता है तथा रक्त की कोशिकाएं इस शर्करा को उपयोग नहीं कर पाती। यदि यह ग्लूकोज का बढ़ा हुआ लेवल खून में लगातार बना रहे तो शरीर के अंग प्रत्यंगों को नुकसान पहुँचाना शुरू कर देता है।
डायबिटीज के कारण (Causes of Diabetes )-
खान पान एवं लाइफ स्टाइल की गलत आदतें
जैसे मधुर एवं भारी भोजन का अधिक सेवन करना, चाय, दूध आदि में चीनी का
ज्यादा सेवन, कोल्ड ड्रिंक्स एवं अन्य सॉफ्ट ड्रिंक्स अधिक पीना, शारीरिक
परिश्रम ना करना, मोटापा, तनाव, धूम्रपान, तम्बाकू, आनुवंशिकता आदि
डायबिटीज के प्रमुख कारण हैं ।
डायबिटीज के लक्षण (Diabetes Symptoms)-
बार बार पेशाब लगना, प्यास ज्यादा
लगना, भूख ज्यादा लगना, बिना काम करे भी थकान होना, शरीर में कहीं घाव
होने पर जल्दी ठीक ना होना तथा त्वचा का बार बार इन्फेक्शन होना। ये सब
डायबिटीज के लक्षण हैं।
यदि इनमे से कुछ लक्षण यदि लगातार दिखाई दें तो खून में शुगर की जाँच
अवश्य करवानी चाहिए यह जाँच बहुत सामान्य और सस्ती होती है जो छोटी छोटी
लैब्स में आसानी से हो जाती हैं इसके लिए शुगर का शक होने पर दिन में किसी
भी समय (ब्लड शुगर- रैंडम) जाँच करवाई जा सकती है या बार -बार जरुरत पड़े तो
जाँच करने की मशीन घर पर लायी जा सकती है जो ज्यादा महँगी नहीं होती।
डायबिटीज रोग के उपद्रव (Complications of Diabetes) –
यदि मधुमेह रोग का समय पर पता ना चले या
पता चलने पर भी खान पान तथा जीवन शैली में लगातार लापरवाही की जाये और
समुचित चिकित्सा ना की जाये तो खून में सामान्य से अधिक बढ़ा हुआ शुगर का
लेवल शरीर के अनेक अंगों जैसे गुर्दे (Kidney), ह्रदय (Heart), धमनियां
(Arteries) आँखें (Eyes) त्वचा (Skin) तथा नाड़ी तंत्र (Nervous System)
को नुकसान पहुँचाना शुरू कर देता है और जब तक रोगी संभलता है तब तक
बहुत देर हो चुकी होती है।
डायबिटीज की चिकित्सा-
1. ख़ान पान में सुधार करें-चीनी
(sugar) एवं अन्य मीठे पदार्थो का सेवन कम से कम करें या ना करें, चोकर
युक्त आटा, हरी सब्जियां ज्यादा खाएं, मीठे फलों को छोड़ कर अन्य फल खाएं,
एक बार में ज्यादा खाने की बजाय भोजन को छोटे छोटे अंतराल में लें, घी
तेल से बनी एवं तली भुनी चीजें जैसे- समोसे, कचौड़ी, पूड़ी, परांठे आदि का
सेवन कम से कम करें, गेहूँ, जौ एवं चने को मिला कर बनाई हुई यानि मिस्सी
रोटी शुगर की बीमारी में बहुत फायदेमंद होती है।
- शारीरिक रूप से सक्रिय रहे –
नित्य व्यायाम करना, योग प्राणायाम
का नियमित अभ्यास करना, सुबह शाम चहल कदमी (Morning Evening walk) करना
मधुमेह रोग में शुगर कंट्रोल करने के लिए बहुत लाभदायक है तथा मोटापा
नियंत्रण में रहता है जो की डायबिटीज का महत्वपूर्ण कारण है।
मधुमेह रोग में तनाव की भूमिका बहुत
महत्वपूर्ण होती है तनाव से बचने की पूरी कोशिश करें। स्ट्रेस या तनाव
के कारणों को आपसी बात चीत से हल करें, योगा, प्राणायाम, ध्यान तथा सुबह
शाम घूमने से स्ट्रेस कंट्रोल करने में सहायता मिलती है।
आयुर्वेद की कुछ जड़ी बूटियां मधुमेह रोग में बहुत उपयोगी हैं इनका सेवन डायबिटीज में बहुत लम्बे समय से किया जा रहा है आधुनिक चिकित्सा विज्ञान भी डायबिटीज में इनकी उपयोगिता सिद्ध कर चुका है।
- दाना मेथी –
दाना मेथी मधुमेह में बहुत उपयोगी
है इसके लिए एक या दो चम्मच दाना मेथी को एक गिलास पानी में रात में भिगो
देते है सुबह मेथी को चबा चबा कर खा लेते हैं तथा मेथी के पानी को पी लेते
हैं या मेथी का चूर्ण या सब्जी बनाकर भी सेवन कर सकते हैं।
- करेला –
- जामुन –
जामुन का फल खाने में जितना
स्वादिस्ट और रुचिकारक होता है उतना ही शुगर की तकलीफ में लाभदायक होता
है इसके लिए जामुन के सीजन में जामुन के फल खाए जा सकते हैं तथा सीजन ना
होने पर जामुन की गुठली का चूर्ण सुबह शाम भूखे पेट पानी से ले सकते हैं।
- विजयसार –
विजयसार को ना केवल आयुर्वेद बल्कि
आधुनिक चिकित्सा विज्ञान भी डायबिटीज में बहुत उपयोगी मानता है इसके लिए
विजयसार की लकड़ी से बने गिलास में रात में पानी भर कर रख दिया जाता है सुबह
भूखे पेट इस पानी को पी लिया जाता है विजयसार की लकड़ी में पाये जाने वाले
तत्व रक्त में इन्सुलिन के स्राव को बढ़ाने में सहायता करते हैं।
5. औषधियां-
यदि खून में शुगर की मात्रा ज्यादा
बढ़ी हुई नहीं हो तो उपरोक्त उपायों से आराम अवश्य मिलता है
किन्तु यदि खून में शुगर लेवल ज्यादा हो तो चिकित्सक की राय अवश्य लेनी
चाहिए, इसके लिए एलोपैथी में इन्सुलिन के इंजेक्शन तथा मुख से सेवन करने
वाली गोलियों आदि का प्रयोग किया जाता है तथा आयुर्वेद में बसंत
कुसुमाकर रस, शिलाजत्वादि वटी, चन्द्र प्रभा वटी, शुद्ध शिलाजीत तथा अन्य
अनेक दवाओं का प्रयोग किया जाता है ये दवाइयाँ डायबिटीज में बहुत
फायदेमंद होती हैं लेकिन इन्हे चिकित्सक की राय से ही सेवन करना चाहिए ।
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