Sunday, 12 November 2017


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Sunday, 5 November 2017



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Tuesday, 31 October 2017

सुहागरात का यह प्रथम मिलन केवल शारीरिक मिलन ही नहीं होता बल्कि मानसिक व आत्मिक मिलन है। इस घड़ी में दो जिस्म एक जान हो जाते हैं तथा दो जाने अब तक अलग अलग थीं। इस रात को पहली बार एक हो जाती है तथा यही घड़ी वैवाहिक जीवन की नींव का पत्थर बन जाती हैं तथा सफल जीवन के सुनहरी भविष्य का निर्माण करती है। इस रात की नींव बहुत ही मजबूत हो जानी चाहिए ताकि कभी भी थोड़ी हलचल के कारण वैवाहिक जीवन में दरार पड़ जाये। यह रात एक दूसरे को समझने की रात होती है यही कारण है कि कुछ लोग शादी होने पर शादी में आए हुए रिश्तेदारों व अन्य परिवार जनों से भरे घर पर पति पत्नी एक दूसरे को समझने में कठिनाई महसूस करते हैं तथा व कहीं पर्वतीय स्थान या किसी रमणीक स्थल पर एकान्त में जाकर एक दूसरे को गहराई से जानने की जिज्ञासा रखते हैं। हनीमून या सुहागरात सभी देशों व सभी जातियों में प्रचलित है तथा सभी जगह इसका समान महत्व है।

यदि आप अपनी नई दुल्हन के सच्चे जीवन साथी न बन पाए तो सेज के साथी भी न बन पाएंगे। नई दुल्हन केवल आपको एक कामी व्यक्ति व वासना का लोभी भंवरा समझकर स्वयं को बलि का बकरा समझने लगेी इसलिए प्रथम मिलन की घडि़या जीवन की बहुत ही अनमोल घडि़या होती है। यदि अपने रूखे व्यवहार पर जल्दबाजी से कोई पुरूष अपने को संभाल नहीं पाता तो उसकी सुहागरात दुर्भाग्य रात्रि में बदल जाती है। आज के युग में लड़कियां भी शिक्षित होती हैं तथा समाज में वातावरण को भली प्रकार से समझती हैं इसी के फलस्वरूप प्रत्येक लड़की अपने विवाहित जीवन का एक शुखहाल चित्र अपने दिल दिमाग में रखती है तथा उसी चित्र के अनुसार ही अपना पति चाहती है। यदि पति अपनी नई दुल्हन के हृदय को जीत लेने में सफल हो जाता है तो निश्चय ही यह उनके वैवाहिक जीवन का शुभारंभ है। पहली रात में पति को सम्भोग के लिए कभी भी उतावला नहीं होना चाहिए बल्कि उसके प्रत्येक वस्तु जैसे रूप रंग, आंखें, होंठ, नाक, चेहरे की बनावट, कपड़ों की आदि की खूब प्रशंसा करनी चाहिए। अपनी नई दुल्हन के सामने भूलकर भी किसी दूसरी लड़की या स्त्री के सौन्दर्य, गुणों व कपड़ों आदि की प्रशंसा न करें इसके आपकी पत्नी में हीनभावना आ जाएगी तथा आपके साथ पूरा सहयोग दे पायेगी। पहले आप पत्नी के मन को वश में करे और अपने ऊपर एक सीमा तक नियंत्रण रखें, जब उसे आपका यह प्रेमी व सफल पुरूष का रूप मुग्ध कर देगा तो वह आपको खुशी व पूर्ण सहयोग के साथ अपना सर्वस्व अर्पण कर देगी। नई दुल्हन के लिए पहला सहवास कष्टदायक होता है इसलिए पहले शुरू में उसके कष्ट का ध्यान रखते हुए धीरे धीरे ही उसका संकोच झिझक दूर करने की चेष्टा करें।

प्रत्येक नवविवाहिता के लिए यह अत्यन्त आवश्यक है कि वे अपनी सुहागरात की घड़ी में कोई शराब या नशे की वस्तु का सेवन न करें जिससे उनके आगामी विवाहित जीवन पर बुरा प्रभाव पड़े। यह रात जीवन में केवल एक ही बात आती है। इसी रात की यादें स्त्री पुरुष अपने जीवन भर के लिए गांठ में बांध लेते हैं तथा कुछ अज्ञानी लोग यही समझते हैं कि पहली रात सम्भोग में रक्त आना जरूरी है जो नववधु के कौमार्य की निशानी होती है उनकी यह धारणा बिल्कुल गलत है क्योंकि कुछ लड़कियों में योनिच्छेद की झिल्ली बहुत सख्त होती है तथा कुछ की यह झिल्ली बहुत पतली व कोमल होती है जो बचपन में खेलकूद, बस, गाड़ी में चढ़ते उतरते समय साधारण चोट से भी फट जाती है। फलस्वरूप सम्भोग से पहले ही फट चुकने के कारण रक्त आने का प्रश्न ही पैदा नहीं होता इसलिए रक्त न आने पर अपनी नई दुल्हन के चरित्र का व्यर्थ ही शक नहीं करना चाहिए अन्यथा विवाहित जीवन एक दुखों की ज्वाला बनकर सारी जिन्दगी आपको जलाती रहेगी।

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Saturday, 21 October 2017

यह काफी बहस का विषय है कि एक पुरुष जननांग (लिंग) (penis) का आकार क्या होना चाहिए। पुरुषों के लिंग का सामान्य आकार निर्धारित करने के लिए कई वैज्ञानिक शोध चल रहे हैं। ज़्यादातर मर्दों को इस बात की चिंता होती है कि उनके लिंग का आकार सामान्य से कम है। परन्तु यह सिर्फ उनका वहम होता है।

असल में मर्द इस बात को लेकर चिंतित रहते हैं कि लिंग (penis) का आकार सही ना होने की वजह से वे अपने साथी को पूरी तरह संतुष्ट नहीं कर पाएंगे। उन्हें लगता है कि इससे उनकी सेक्स लाइफ पर खराब असर पड़ेगा। लेकिन यह एक घबराहट मात्र है और चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि ज़्यादातर समय मर्दों के पुरुष जननांग (लिंग) का आकार सही होता है।

पुरुषों का गुप्तांग एक प्रजनन अंग (reproductive sexual organ) है, जिसका प्रयोग हम मूत्र विसर्जित करने के लिए भी करते हैं। गुप्तांगों का मुख्य भाग होते हैं जड़, शरीर, शाफ़्ट की त्वचा (shaft skin) और ऊपर की त्वचा। गुप्तांग का आकार अलग अलग समय भिन्न रहता है, क्योंकि इसका आकार दिन के समय, कमरे के तापमान, उत्तेजित होने के समय तथा सेक्स (sex) करने पर निर्भर करता है।

गुप्तांगों की बढ़त बचपन से लेकर पांच साल की उम्र तक होती है, और फिर प्यूबर्टी (puberty) के एक साल पहले, जो कि 12 से लेकर 17 वर्ष की उम्र तक चलती है।

नीचे कुछ तथ्य दिए गए हैं जिनसे आपको मर्दों के लिंग के सामान्य आकार का एक अंदाज़ा हो जाएगा।
  • ज़्यादातर मामलों में महिलाओं को पुरुषों के गुप्तांगों के आकार के सम्बन्ध में कोई चिंता नहीं होती। वे तो इस बात से बिलकुल अनजान रहती हैं। मर्द ही अपने लिंग (penis) की लम्बाई और मोटाई को लेकर अतिरिक्त चिंता में रहते हैं।
  • 45 प्रतिशत से ज़्यादा लोगों के लिंग (penis) छोटे होते हैं। यही आकार मर्दों में गुप्तांग का सही आकार माना जाता है और इससे मर्दों की सेक्स लाइफ का कोई लेना देना नहीं होता।
  • कई शोधों से यह साबित हुआ है कि ज़्यादातर लोगों के लिंग की लम्बाई 7 से 10 सेंटीमीटर तक होती है और यही पुरुषों के गुप्तांग की आदर्श लम्बाई मानी जाती है।
  • सेक्स के दौरान पुरुषों का लिंग (penis) बड़ा होकर 12 से 16 सेंटीमीटर तक हो सकता है और इसकी मोटाई करीब 12 सेंटीमीटर की होती है।

लिंग के आकार का वैज्ञानिक महत्त्व (The scientific importance regarding the size of the pennies)

आप कई लोगों को डॉक्टर से लिंग का आकार पूछता हुआ पाएंगे। उन्हें इसके सही आकार के बारे में चिंता होती रहती है। यही आम धारणा भी है। डॉक्टरों का यह मानना है कि लिंग के गलत आकार से आपको दैनिक जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे कई व्यक्ति हैं किनकी 40 वर्ष की उम्र हो जाने पर भी शादी नहीं हुई है, क्योंकि उन्हें लगता है कि उनके लिंग का आकार सही नहीं है और इससे वे अपनी साथी को संतुष्ट नहीं कर पाएंगे। कई डॉक्टर इस असंतुष्टि का फायदा उठाते हैं और लिंग के आकार का मुद्दा उठाते हैं। वे मर्दों में दिमाग में ये बात भरते हैं कि शल्य क्रिया (surgery) से उनके लिंग का आकार बिलकुल सही हो जाएगा। यह सब हड्डियों की उलझन की वजह से होता है, जिससे लिंग की हड्डियों के आकार में असमानता आ जाती है।

मर्दों के लिंग का औसत आकार (What is the average penis size?)

हर व्यक्ति के लिंग का आकार अलग होता है। कुछ शोधों के अनुसार लिंग की सामान्य लम्बाई 3.5 इंच तथा कामोत्तेजना के दौरान इरेक्ट (erect) होने पर 5.1 इंच होती है। एक ताज़े शोध से यह पता चला है कि एक इरेक्ट लिंग की औसत लम्बाई 5.6 इंच और इसकी मोटाई 4.8 इंच होती है। लिंग का आकार चाहे जो भी हो, पर यह उस व्यक्ति के लिए सामान्य होना चाहिए। कई लोगों की यह धारणा होती है कि व्यक्ति जितना लम्बा होता है उसका लिंग उतना बड़ा होता है। यह बात सही नहीं है। विभिन्न ऊंचाई के लोगों के लिंग की लम्बाई अलग अलग देखी गयी है। 2.5 इंच का सबसे छोटा गुप्तांग एक अच्छे खासे बड़े व्यक्ति की देखी गयी है। वहीँ एक छोटे तथा दुबले पतले व्यक्ति के लिंग की लम्बाई 5.5 इंच भी देखी गयी है। मनुष्य की लम्बाई से उसके लिंग का कोई लेना देना नहीं होता।

लिंग का छोटा आकार (Small penis size)

लिंग का छोटा आकार सिर्फ आपकी धारणा मात्र है। जो लोग छोटे लिंग की शिकायत करते हैं, उन्हें इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (erectile dysfunction) की समस्या भी हो सकती है। जब एक व्यक्ति ऊपर से अपने लिंग को देखता है तो यह उसे छोटा दिखता है। यह पूर्वाभास (foreshadowing) का नतीजा होता है। पेट की मोटाई से भी आपका लिंग छोटा प्रतीत हो सकता है। छोटे आकार का लिंग इरेक्ट होने पर 100 % तक लंबा हो जाता है, वहीँ एक लंबा लिंग इरेक्ट होने पर 75 % तक लंबा होता है।

महिलाएं और लिंग का आकार (Size of Penis and Women)

महिलाओं को लिंग के आकार से कोई फर्क नहीं पड़ता। एक महिला को सेक्स में आनंद के लिए लिंग की लम्बाई की बजाय उसकी चौड़ाई ज़्यादा आकर्षित करती है। वे सेक्स की असल क्रिया (penetration), स्वछन्द भाव से एक दूसरे का हस्तमैथून (mutual masturbation) और मुखमैथून (oral sex) से ज़्यादा संतुष्ट तथा प्रसन्न होती हैं। एक महिला का लिंग किसी भी आकार के पुरुष लिंग को अपने अन्दर समाने की काबिलियत रखता है। कामोत्तेजना के समय वेजाइना (vagina) की लम्बाई करीब 4 इंच तक बढ़ जाती है, और अगर आप इसके अंदर अपना लिंग धीरे धीरे प्रवेश कराएं, तो इसकी लम्बाई और भी ज़्यादा बढ़ती जाती है। अतः किसी भी आकार का लिंग एक महिला को काफी संतुष्टि प्रदान करता है।

क्या लिंग के आकार को बढ़ाया जा सकता है ? (Can the Size of penis (ling ka aakar) be increased?)

ऐसी कोई क्रीम (creams), दवाइयाँ या व्यायाम नहीं है जो आपके गुप्तांग के आकार में वृद्धि कर सकें। अगर आपके लिंग की कुल लम्बाई इरेक्ट होने पर भी मात्र 3 इंच ही रहती है, तब आपको सर्जरी (surgery) की आवश्यकता है।

लिंग के आकार को ले कर मिथ्य – (The myth about the size of the penis)

पोर्न फिल्मों से प्रभावित होने वाले लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए कई लोग ऐसा दावा करते हैं कि उनके पास ऐसे उत्पाद हैं जिनसे कि लिंग (penis) की लम्बाई बढ़ सकती है। ऐसा एंलार्जर तथा एक्सटेंडर की मदद से किया जाता है। अगर लिंग का आकार सही नहीं होता तो लोग अपनी मर्दानगी (manhood)को लेकर भी शक करने लगते हैं। अपने लिंग को देखकर बहुत से पुरुषों को ये लगता है कि इसका आकार सही नहीं है। यह एक बिलकुल गलत धारणा है और इससे मर्दों को केवल तकलीफ ही होती है।

लिंग की लंबाई – लिंग के आकार के कुछ तथ्य (The details on the size of penis in men)

मर्दों में लिंग लम्बा होने पर इसकी लम्बाई 12 से 16 सेंटीमीटर तक हो सकती है। अगर आपको BMI की समस्या है और आपकी उम्र बढ़ गयी है तो आपका गुप्तांग पूरी तरह इरेक्ट नहीं होता और इसकी लम्बाई कम रहती है। इसी का फायदा कई लोग उठाते हैं। एक शोध के अनुसार कई मर्द अपने गुप्तांग (penis) के आकार को सही नहीं मानते और अपनी मर्दानगी पर शक करते हैं।

लिंग के आकार के आंकलन का सत्य (The Accuracy of the penis measurement or penis ka size)

पुरुषों के गुप्तांगों के आकार का पता अच्छी प्रकार नापने से ही चल पाता है। कामुकता बढ़ने की स्थिति में इसके आकार में भिन्नता आ सकती है। यह आकार कई और चीज़ों पर भी निर्भर करता है, जैसे दिन का समय, कमरे का तापमान, सेक्स का स्तर और नापने के यंत्र की कुशलता। अगर आप गोरिल्ला जैसे प्राइमेट्स से पुरुषों के गुप्तांग की तुलना करें तो आप पाएंगे कि पुरुषों के गुप्तांग(penis) की मोटाई सबसे ज़्यादा होती है।

पेनिस एनलार्जमेंट – लिंग की बढ़त (The growth of the penis)

हालांकि अलग अलग सूत्रों से नापने की पद्दति अपनाने से परिणाम भिन्न हो सकते हैं। अगर आप इसकी लम्बाई खुद नापते हैं तो यह कुछ बताएगा और किसी अन्य व्यक्ति को नापने के लिए कहें तो यह नाप कुछ और होगा। बचपन से ही गुप्तांग का बढ़ना शुरू हो जाता है और 5 साल तक बढ़ता है। लेकिन कई मामलों में यह एक वर्ष की उम्र से शुरू होकर प्यूबर्टी तक बढ़ता है। किसी पुरुष के 17 वर्ष की आयु के हो जाने तक गुप्तांग (penis) की लम्बाई बढ़ती है।

पेनिस साइज – लिंग का आकार (The comparative size of the penis or ling ka size)

हालांकि शोध के अनुसार आप गुप्तांग (penis) के आकार का सम्बन्ध शरीर के किसी अन्य भाग से नहीं पाएंगे। ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से मनुष्यों में गुप्तांगों की बढ़त प्रभावित होती है। पर्यावरण के कारक इसके लिए ज़िम्मेदार हो सकते हैं और कई बार जेनेटिक कारण भी गुप्तांगों के बढ़ने को प्रभावित करते हैं। गुप्तांगों का बढ़ना एंडोक्रिन डिसराप्टर्स की मौजूदगी से भी प्रभावित होती है। ऐसे कई और कारक हैं जो इसकी बढ़त में प्रभाव डालते हैं। अगर एक वयस्क व्यक्ति के गुप्तांग का आकार इरेक्ट अवस्था में 7 सेंटीमीटर है तो ऐसे गुप्तांग में विज्ञान जगत में “माइक्रो पेनिस” कहा जाता है।


मानव लिंग का आकार – छोटा लिंग होने का कारण (The reason for the small size of the penis)

लिंग का छोटा आकार PCB तथा प्लास्टीसाईसर DEHP से सम्बंधित होता है। DEHP के मेटाबोलाइट्स, जो कि गर्भवती महिला के मूत्र से नापे जाते हैं, पुरुषों के लिंग छोटे होने की समस्या से जुड़े होते हैं। एक शोध के मुताबिक़ यह पाया गया है कि कई हार्मोनल थेरेपीज़ की वजह से भी लिंग (penis) का आकार छोटा होता है। लिंग का आकार एस्ट्रोजन आधारित फर्टिलिटी औषधि के सेवन से भी कम होता है। इस दवाई को लेने से असमानता उत्पन्न होती है और इसके फलस्वरूप लिंग छोटा हो जाता है।

लिंग आकार और लंबाई मर्दों की अपने लिंग से जुड़ी सोच (The male perception of penis)

मर्द आमतौर पर अपने लिंग को सामान्य से छोटा ही समझते हैं। उन्हें हमेशा यह लगता है कि उनके गुप्तांग का आकार सही नहीं है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वे गलत नज़रिये से अपने लिंग (penis) को देखते हैं। देखने के नज़रिये में गड़बड़ होने की वजह से उन्हें अपना लिंग छोटा लगता है।

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Friday, 13 October 2017

शीघ्रपतन की समस्या आज लगभग हर पुरुष की समस्या है, और पुरुष इस समस्या के समाधान के लिए कई प्रकार की दवाए भी लेते है! दवाइया उन्हें अक्सर कुछ समय के लिए ही मदद कर पाती है! इसका प्रमुख कारण और वजह क्या है और इससे केवल पुरुष ही प्रभावित होते है या महिलाये भी? आइये जानते है इससे जुड़े कुछ जरूरी तथ्य और समाधान...

शीघ्रपतन क्या है? What is Premature Ejaculation

जब कोई पुरुष शारीरिक संबंधो के समय अपने चरम पर पहुचने से पहले ही लिंग पर नियंत्रण खो कर देता है और उसका शीघ्र ही वीर्यपात हो जाता है तो उसे शीघ्रपतन कहते है! ऐसा होने पर औरत और मर्द दोनों चरमोत्कर्ष और प्यार का सुख नहीं ले पाते है! और लड़के की पार्टनर असंतुष्ट रह जाती है व पुरुष को कुंठा और निराशा होने लगती है! दोनों के लिए प्यार के वो पल बुरा स्वप्न जैसे हो जाता है!
पुरुषो की सेक्स से जुडी आम समस्या है और अधिकतर लोग इससे परेशान और जूझते हुए देखे जाते है!

शीघ्रपतन क्यों होता है और इसकी प्रमुख वजह क्या है? Reason of Premature Ejaculation

अक्सर शीघ्रपतन की मुख्या वजह शारीरिक कम मानसिक ज्यादा होती है! लोगो में दोनों या दोनों में से कोई भी एक समस्या हो सकती है!
ज्यादातर अनुभवहीन और नव युवा और वयस्कों को इस समस्या से अधिक ग्रसित देखा जाता है! जो लड़के व व्यस्क सेक्स की शुरुआत कर रहे होते है उनके दिमाग में अक्सर बिस्तर पैर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाने का डर अधिक होता है!

जबकि इसमे अनुभव की अधिक जरूरत होती है और युवाओ की उम्र बढ़ने के साथ साथ वो इसमे ठीक और अच्छा प्रदर्शन करने में माहिर हो जाते है! लेकिन फिर भी जरूरी नहीं की इसमे वो कामयाब होंगे ही!
क्योकि इसके पीछे मानसिक वजह भी होती है और अक्सर धार्मिक और सामाजिक प्रष्ठभूमि होती है! जहाँ सेक्स को लेकर हौवा अथवा डर होता है! जिससे युवा मानसिक रूप से उलझनों से गुजरता है! और वह बहुत तनाव, निराशा भर जाता है और अपराध बोध से ग्रस्त हो जाता है! शारीरिक संबंधो में बुरा अनुभव भी उसे परेशान कर सकता है!

इस समस्या का कारण युवक के लिंग के उपरी भाग का अधिक संवेदनशील होना, कोई लम्बी बीमारी अथवा लम्बे समय से किसी दवाई का सेवन, अधिकतर समय शारीरिक संबंधो के बारे में सोचना या लड़की के जनन अंगो के बारे में सोचना, कोई चोट लगना, मानसिक बिमारी, ड्रग्स, या शरीर में हार्मोन से जुडी समस्या का होना भी हो सकता है! जिसके कारण व्यक्ति में दिलचस्पी और आकर्षण का अनुभव ना होना हो सकता है!

शीघ्रपतन से बचने के लिए क्या कर सकते हैं? What is the Best Cure

अधिकतर मामलो में व्यक्ति स्खलन की समस्या से बचने लिए इस पर नियंत्रण विकसित करना सीख कर इस समस्या से निजाद पा सकता है! विश्राम, अथवा ध्यान बांट कर भी इस परेशानी को दूर करने में मदद मिलती है! सबसे कारगर तरीका आपस में समन्वय और स्खलन गति में परिवर्तन के जरिये इसे नियंत्रित किया जा सकता है!

आप जैल, क्रीम, व कंडोम का प्रयोग करके भी शीघ्रपतन में कमी ला सकते है! इनसे आपको संवेदनशीलता में कमी होती है जो इस समस्या में कारगर होती है!

शीघ्रपतन दोनों पार्टनर के लिए बड़ी समस्या- Problem for Both Partners

शीघ्रपतन किसी भी लड़के और उसकी प्रेमिका, अथवा पत्नी  के लिए बहुत बड़ी समस्या व किसी बुरे सपने की तरह हैI व्यक्ति जब किसी दबाव अथवा पार्टनर को संतुष्ट न कर पाने की सोच के साथ सेक्स करता है तो उसे इसमे नाकामयाबी मिलती है और उसे इसमे आनंद का अनुभव नहीं हो पता है दोनों पार्टनर्स को असंतुष्ट ही रहना पड़ता है जिससे उनमे कुंठा, बेचैनी, गुस्सा, लड़ाई झगडा होने लगता है!

पुरुष को अपने पर्त्ने के सम्मुख ग्लानी होने लगती है और वो शारीरिक संबंधो से बचने की कोशिश करने लगता है! वो अपने साथी को संतुष्ट न कर पाने और इसका भरपूर आनंद न दे पाने के कारण मानसिक रूप से परेशान और दुखी होकर भटक जाता है!

समस्या पुरुषों तक ही सीमित नहीं- Women also Face Premature Ejaculation

एक रिसर्च के अनुसार बताये गए परिणमो का कहना है की ये समस्या स्त्रियों को भी तकलीफ देती है और उन्हें भी इस समस्या से लड़ना पड़ता है! लगभग 40% महिलाएं भी अपनी इच्छानुसार चरम सुख प्राप्त नहीं कर पाती है, जबकि 3 फीसदी महिलाओं ने पुरुषो की तरह शीघ्रपतन की समस्या से जूझने का दावा किया है!

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Friday, 6 October 2017

इस्ट औऱ फंगस हमारे वेजिना में स्वाभाविक रूप से मौजूद होता हैं, लेकिन जब इनकी असामान्य रूप से संख्या में वृद्धि होने लगती है तो यह वेजिना में संक्रमण के कारण बनते हैं। इसी के कारण वेजिना में सूजन, पेशाब करते समय दर्द व जलन और खुजली की समस्या होने लगती है। वेजिना में होने वाला यह संक्रमण आपके लिए एक बहुत ही बड़ी समस्या बन सकता हैं वैसे तो वेजिना में होने वाले संक्रमण के लिए आप डॉक्टर के पास जा सकते है लेकिन अगर आप इस संक्रमण को समय पर ही रोक दे तो आपको डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता नही पड़ेगी। इस बात को तो आप भी मानेंगे कि इलाज से बेहतर रोकथाम होता है। आज हम आपको वेजिना में होने वाले इन संक्रमण के रोकथाम के लिए 10 उपाय

1. सूती अंडरवियर का प्रयोग करें
वेजिना इस्ट के संक्रमण से बचने के लिए आप सूती कपड़े से तैयार अंडरवियर का प्रयोग कर सकती हैं। सूती कपड़े की यह खुबी होती हैं कि यह आपकी वेजिना में होने वाली नमी को अवशोषित कर लेता है इतना ही नहीं इससे आपके वेजिना के क्षेत्र तक पर्याप्त मात्रा में हवा भी पहुंचती हैं। जबकि लाइक्रा या नायलॉन की अंडरवियर को पहने से पसीना आता हैं और किण्व का प्रजनन होने लगता है जिससे वेजिना में संक्रमण होने की संभावना ज्यादा होती है।

2. ढीले कपड़े पहनें
अगर आपको लगता हैं कि आपकी वेजिना में संक्रमण की समस्या होने लगी है तो अच्छा होगा की आप तंग कपड़े ना ही पहने उसके स्थान पर जितना हो सके ढीले कपड़ो का ही चुनाव करें। वैसे अगर संभव हो सके तो ढ़ीले कपड़ो में भी सूती कपड़ो का ही प्रयोग करें। इससे आपकी वेजिना में किसी तरह की संक्रमण की समस्या नही होगी।

3. सैनिटरी नैपकिन को एक समय अन्तराल पर जरुर बदलें
अगर आप अपनी सैनिटरी नैपकिन या टैम्पोन को 4-5 घंटो के बाद बदलती हैं तो यह आपके लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है। मासिक धर्म के दौरान, हर कोई यही सलाह देता हैं कि आपको अपनी सैनिटरी नैपकिन या टैम्पोन को 4-5 घंटे से पहले ही बदल देना चाहिए और ऐसा करने के पीछे एक बहुत ही महत्वपूर्ण कारण हैं क्योकि सैनिटरी नैपकिन या टैम्पोन को ज्यादा देर तक लगाए रखने से आपकी वेजिना में नमी होने लगती हैं। जिसके कारण आपको संक्रमण की समस्या हो सकती हैं।

4. सुगंधित वेजिना प्रॉडेक्ट का प्रयोग ना करें  
सुगंधित सैनिटरी नैपकिन और टैम्पोन का प्रयोग कभी नहीं करना चाहिए। क्योकि इनकी खुशबू से आपके वेजिना में जीवाणुओं का एक असंतुलन बन सकता है और इसी से वेजिना में संक्रमण का खतरा बनने लगता है और इसी कारण डॉक्टर भी खुशबूदार सैनिटरी नैपकिन या टैम्पोन का प्रयोग करने से रोकते है।

5. हर दिन दही खाएं
दही एक ऐसा आहार हैं जो स्वस्थ बैक्टीरिया से भरा हुआ होता है और इस कारण यह आपके वेजिना को संक्रमण से भी सुरक्षित रखता है। अच्छे बैक्टीरिया वेजिना मे होने वाले संक्रमण को रोकने में मदद करते है तो अच्छा होगा की आप हर दिन एक कप दही का जरुर खाएं इससे आपका स्वास्थ भी अच्छा बना रहेगा और आपकी वेजिना में भी किसी भी तरह की समस्या नही होगी।

6. गर्म पानी से ना नाहाएं
वेजिना में संक्रमण की समस्या अधिक नम और गर्म स्थिति में भी होती हैं। अगर आपकी वेजिना के क्षेत्र में गर्मी बनी रहेगी तो आपको संक्रमण की समस्या हो सकती है। अगर आप चाहती है कि आपको इस तरह की समस्या ना हो तो ठंडे पानी से ही स्नान करें तथा अगर आप गर्म पानी का प्रयोग करती भी है तो उसके बाद हमेशा ढीले कपड़े ही पहने।

7. खुद को तनाव मुक्त रखने का प्रयास करें
किसी भी बीमारी या संक्रमण के बढने का सबसे बड़ा कारण आपका तनाव में रहना होता है अगर आप किसी भी ऐसी स्थिति से बचने का प्रयास करेगी जिसके कारण आप तनाव मुक्त रह सके तो आप किसी भी संक्रमण से बच सकती हैं।  इसके अलावा जब आपके शरीर को पूरा आराम नहीं मिलता है तो आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है जिसके कारण आपका स्वास्थ खराब हो जाता हैं। अपने शरीर को आराम देने के लिए आवश्यक है कि आप पर्याप्त नींद लें। पूरे दिन काम करने के बाद आपके शरीर को कम से कम 7-8 घंटे की नींद की आवश्यकता होती हैं।

8. स्वस्थ आहार खाएं
जब हमारे शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी होती है तो हमारा शरीर कीटाणुओं और एंटीबॉडी से हमारी रक्षा करने में सक्षम नहीं हो पाता हैं। इसलिए अगर आप संतुलित आहार को अपने भोजन में शामिल करेंगे तो आपके शरीर को हर तरह के पोषक तत्व प्राप्त हो जाएंगे और आपका शरीर मजबूत बन जाएगा और वो किसी भी तरह के संक्रमण से लड़ने में भी सक्षम हो सकेगा।

9. योनि को जरुरत से ज्यादा साफ न करें
हालांकि संक्रमण को रोकने के लिए वेजिना को स्वस्थ रखना बहुत जरुरी होता हैं। लेकिन वेजिना को कठोर साबुन से साफ नहीं करना चाहिए क्योकि हमारा वेजिना काफी संवेदनशील होता है तो अगर आप एक कोमल साबुन का प्रयोग करेंगी तो आपके वेजिना को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होगा।

10. एंटीबायोटिक दवाओं से बचें
अक्सर लोग बैक्टीरिया को खत्म करन के लिए एंटीबायोटिक्स का प्रयोग करते हैं। लेकिन एंटीबायोटिक्स का जरुरत से ज्यादा प्रयोग करने से हमारे शरीर में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया खत्म हो जाते है इसलिए जितना संभव हो उतना एंटीबायोटिक दवाओं के सेवन को सीमित करने का प्रयास करें और जब भी एंटीबायोटिक दवाओं का प्रयोग करें तो अपने चिकित्सक से परामर्श जरुर कर लें।

अगर आप इस टिप्स का नियमित रूप से पालन करेंगे तो आप वेजिना में होने वाले संक्रमण से बच सकती है लेकिन अगर आपको वेजिना क्षेत्र में ज्यादा ही परेशानी हो रही है तो आप अपने डॉक्टर से बात कर लें नहीं तो यह समस्या बढ़ भी सकती हैं। वेजिना से संबंधित समस्याओं के बारे में बात करना किसी भी तरह से गलत नही है लेकिन अगर आप उस और ध्यान नही देगी तो आपका स्वास्थ जरुरत से ज्यादा खराब हो सकता हैं।

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Sunday, 1 October 2017

मधुमेह यूं तो एक सामान्‍य बीमारी है, लेकिन यह बार अगर यह हो जाए, तो इससे पीछा नहीं छूटता। आप अपनी जीवनशैली में बदलाव लाकर इससे बच सकते हैं। आप चाहें तो कुछ घरेलू उपाय भी आजमा सकते हैं, जिससे कि यह रोग नियं‍त्रण में रहे। 

मधुमेह के मरीजों को खानपान का खास ध्यान रखना पड़ता है। यदि मधुमेह रोगी संतुलित खानपान लेंगे तो निश्चित तौर पर उन्हें मधुमेह कंट्रोल करने में मदद मिलेगी। यदि आप भी मधुमेह से पीडि़त है तो आपको भूख से थोड़ा कम भोजन लेना चाहिए।
इससे ग्लूकोज को उपापचित करने में आसानी होगी। इसके अलावा आप भोजन में मोटा अनाज, दाल का पानी इत्यादि लेंगे तो यह आपकी सेहत के लिए अच्छा होगा। आइए जानें मधुमेह रोगियों के लिए देशी नुस्खे कौन-कौन से है।
  1. मधुमेह रोगियों का आंकड़ा आज दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में आपको समय से पहले ही अपने खानपान पर ध्यान रखना शुरू कर देना चाहिए। खासकर उस समय जब आपके माता-पिता या परिवार के किसी सदस्य को मधुमेह की समस्या हो।
  2. मधुमेह रोगी को अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए। ऐसे में में वे नींबू पानी लेंगे तो यह उनकी सेहत के लिए और भी अच्छा होगा।
  3. मधुमेह रोगी को बहुत भूख लगती है और बार-बार कुछ न कुछ खाने का मन करता है। आपके साथ भी यदि ऐसा होता है तो कुछ भी खाने के बजाय आप भूख से थोड़ा कम खाएं और हल्का भोजन लेते हुए सलाह को ज्यादा खाएं। यानी आपको बार-बार भूख लगती है तो आप सलाद में खीरे को अधिक मात्रा में खाएं।
  4. मधुमेह रोगी में आंखे कमजोर होने की आशंका लगातार बनी रहती है। यदि आप चाहते हैं कि मधुमेह के दौरान आपकी आंखों पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े तो आपको गाजर-पालक का रस मिलाकर पीना चाहिए। इससे आँखों की कमजोरी दूर होती है।
  5. मधुमेह के रोगी को तौरी, लौकी, परमल, पालक, पपीता आदि का सेवन अधिक से अधिक मात्रा में करना चाहिए।
  6. मधुमेह के दौरान शलगम के सेवन से भी रक्त में स्थित शर्करा की मात्रा कम हो जाती है। शलगम को न सिर्फ आप सलाद के जरिए बल्कि शलगम की सब्जी, परांठे आदि चीजों के रूप में भी ले सकते हैं।
  7. जामुन मधुमेह रोगियों के लिए रामबाण है। मधुमेह रोगियों को जामुन को अधिक से अधिक मात्रा में सेवन करना चाहिए। जामुन की छाल, रस और गूदा सभी मधुमेह के दौरान बेहद फायदेमंद हैं।
  8. जामुन की गुठली को बारीक चूर्ण बनाकर रख लेना चाहिए। दिन में दो-तीन बार, तीन ग्राम की मात्रा में पानी के साथ सेवन करने से मूत्र में शुगर की मात्रा कम होती है। यानी सिर्फ जामुन ही नहीं बल्कि जामुन की गुठली भी मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद है।
  9. करेले का कड़वा रस मधुमेह रोगियों में शुगर की मात्रा कम करता है। मधुमेह के रोगी को इसका रस रोज पीना चाहिए। शोधों में भी साबित हो चुका है कि उबले करेले का पानी, मधुमेह को जल्दीए ही दूर करने की क्षमता रखता है।
  10. मेंथी दानों का चूर्ण बनाकर प्रतिदिन खाली पेट दो चम्मच चूर्ण पानी के साथ लेना चाहिए। ये मधुमेह रोगियों के लिए बहुत लाभाकरी है।
हालांकि ये सभी देशी नुस्खें मघुमेह रोगियों के लिए कारगर साबित होते हैं लेकिन फिर भी इनको लेने से पहले अपने चिकित्सक की सलाह लेना न भूलें।

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